मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

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घासवाली मुंशी प्रेम चंद 1 मुलिया हरी-हरी घास का गट्ठा लेकर आयी, तो उसका गेहुआँ रंग कुछ तमतमाया हुआ था और बड़ी-बड़ी मद-भरी आँखो में शंका समाई हुई थी। महावीर ने ...

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